पाप का बाप लोभ(Father of Sin Greed)
तीन शूरवीर कहीं किसी कार्य वश जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक यात्री को रास्ते में किसी ने मार कर डाल दिया है। इस घटना पर दुःखी होते हुए वे आगे चले जा रहे थे कि एक विधवा स्त्री दिखाई पड़ी , जिसका सारा धन - धान्य दूसरे लोगों ने छीन लिया था और उसे मारपीट कर घर से भगा दिया था। इस घटना से भी उन्हें बड़ा कष्ट हुआ। आगे चलकर देखते हैं कि बाधक लोगों ने बहुत से निरपराध पशु - पक्षियों को मार - मार कर इकट्ठा कर लिया है। इससे आगे चले तो देखा कि एक से बाहर पड़ा हुआ किसान का परिवार झोंपड़ी से बाहर बिलख - बिलख कर रो रहा है और जमींदार के आदमी लगान के लिए उसके बर्तन कपड़े तक उठाये ले जा रहे हैं और उन्हें बार - बार मार पीट रहे हैं। इन घटनाओं को देखकर उन तीनों का दिल पिघल गया और वे एक स्थान पर बैठकर सोचने लगे कि दुनिया में इतना पाप कैसे बढ़ता जा रहा है ? जिसके कारण लोग इस प्रकार दुःखी हो रहे हैं। उन्होंने विचार किया क...